मित्रों आप एक स्टार्टअप चालू करना चाहते हो? बेशक उसमें कोई बात ही नहीं है क्योंकि आई और ईमेल एक ऐसी टेक्नोलॉजीज़ है जो ना केवल इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन के लिए पिछले तीन सालों से बूस्ट पे है इस समय और चाहे वो सेक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हेल्थ केयर का हो, फैशन कहो, ऐग्रिकल्चर कहो रियल एस्टेट कहो वौस बेस्ट सलूशन सोया यूट्यूब भी क्यों ना हो और इस वीडियो के अंत में मैं ऐसे चमत्कारी चीज़ बताऊँगा कि आप जान सकेंगे कि ई की पावर क्या हो चुकी है इंडिया की अगर बात करें तो एक स्टार्टअप ईमर्ज होना चालू हुई तो दो हज़ार सोलह से और उसके अगले ही दो साल में जिसने ऐसी ग्रोथ पकड़ी की एटी. सेवेन पॉइंट फाइव मिलियन डॉलर से ज्यादा का एस्टिमेशन किया जाता है कैपिटल ए आई सेक्टर में इंडिया के अंदर क्योंकि मैं हमेशा से मानता हूँ ए स्टार्टअप जो होते है वो एक इकोसिस्टम बनाने में बहुत मददगार होते हैं.
लेकिन आज इस वीडियो में हम जानेगे कुछ ऐसी ही ईबे स्टार्टअप जो इजी भी होंगे फ्यूचर ओरिएंटेड भी होंगे और ऐसी कुछ आइडियाज़ होंगे जो कभी खत्म नहीं हो सकते लेकिन अगर पहली बार इस चैनल पे है तो फिर सब्सक्राइब कर दो बेल्ल आइकॉन जरूर से दबा दो ऐसे मजेदार आइडियाज़ मिलते रहते है चैनल के ऊपर खैर पढ़ते है अपने आइडियाज़ की तरफ टॉप थ्री की तरफ पहला आता है ऐलिस इस टू लो अब ये क्या चीज़ है जो एई मैं बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और बहुत ट्रेंडी हैं अभी इंडिया में ये आयी नहीं है और अगर आई है तो ये एक ग्रोइंग स्टेज पे है इस समय मैं बात कर रहा हूँ ये स्किन केयर की जी हाँ, ये बहुत ज्यादा ओवर वेल ए टेक्नोलॉजी है बाहर के देशों में जो की हम देख रहे हैं कि आजकल हेल्थ टैक्स जो स्टार्टअप है वो एक फीचर लेके आते है डॉक्टर कंसल्टेंशन का लेकिन एआई की मदद से स्किन की जो प्रोब्लम्स है वो सीधे आपके डर्मेटोलॉजिस्ट पे पहुँच जाते हैं और ए आई जी आपका एक कस्टम ब्यूटी रूटीन बना देता है जो आपकी स्किन के हिसाब से बेनिफिशियल रहता है अब ये काम कैसे करता है? एग्जाम्पल के तौर पर एक स्टार्टअप है जिसका नाम है लोएव जो बिलीव करता है और मानते हैं और बताता भी है कि बेस्ट स्किन केयर टिप्स जो है आपके पॉकेट के अंदर है सिर्फ डेटा और मशीन लर्निंग की टेक्नोलॉजी की वजह से आप जान सकते हैं कि सबसे बेस्ट आपके लिए क्या रहेगा तो आपको किसी भी इन्फ्लूएंसर डॉक्टर डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी ये काफी इंटरेस्टिंग लगा तो मैं उनकी वेबसाइट पे ऊपर गया बस ये जानने की ये काम कैसे करता है? आई? जहाँ पर पहले आपको अपनी स्किन और लाइफ स्टाइल के बारे में बताना पड़ता है और आपकी स्किन रिलेटिड इशूज के लिए कौन सी रेमेडी सबसे बेस्ट होती है और कौन से कंसल्टेंट भी सबसे बेस्ट होता है वो ये बता देते हैं जो कि लाइसेंस रहते हैं और इतना ही नहीं जो भी प्रोडक्ट्स आई आपको सजेस्ट करता है वो ऑटोमेटिकली आपकी कार्ड के अंदर ऐड होके आप उसको खरीद भी लेते हैं और जैसे की मैंने इस वीडियो की स्टार्टिंग में कहा कि ई हमेशा से इकोसिस्टम फ्रेंड्ली टेक्नोलॉजी रही है और इकोसिस्टम को एक्स्प्लोर करना जानते हैं और मेनली ये जो स्टार्टअप है वो डर्मेटोलॉजिस्ट पे फोकस करता है या स्किन केयर पे फोकस करता है आप इसको अलग अलग स्पेशलिटीज के हिसाब से भी बांट सकते है वो कैसे करेंगे वो?
मैं अपने दूसरे आइडिया मैं आपको बताऊँगा लेकिन एक सवाल आता है की हम किन केयर पे ही क्यों इतना फोकस कर रहे हैं? और मैंने यही क्यों बताया? ऐसे तो बहुत सारे होंगे यहाँ पर हमने कुछ डेटा सर्च किया तो हमें पता चला कि डैंड्रफ एक ने और ड्राइनेस ये तीन सबसे मेजर फैक्टर्स ए इंडियन स्किन बिहेव्यर के हिसाब से और जिसके बहुत सी रेमेडीज़ आपको मिल जाएंगे लेकिन उसकी जड़ पता नहीं चलती लेकिन ये है की मदद से आप जड़ पता कर सकते हैं अपने स्किन की कि आखिर ये एलर्जी यही फंगल इंफेक्शन आपको कैसे हो सकता है और कैसे हुआ? और मैं ये ऐसे ही नहीं बोल रहा स्टडी जो ही पिछले साल उसने बताया की ये सिस्टम जो है वो डर्मेटोलॉजिस्ट से ज्यादा अच्छी तरीके से छब्बीस किन कंडिशन को ऐक्यूरेट्लि मेजर कर? सकते हैं और बता सकते हैं कि आपको क्या करना चाहिए खैर बढ़ते हैं अपने आइडिया नंबर दो की तरह और ये तो मेरे आपबीती है इसलिए ये आइडिया मैं आपके साथ शेयर करने वाला हूँ जब आप कोई टेस्ट कराने जाते हैं पैथोलॉजी के अंदर तो आपको रिपोर्ट मिलते मिलते शाम हो जाती है और इवन आज कल तो पैथोलॉजी घर तक आ जाती है आप का सैंपल लेने लेकिन वो घर तक भी क्यों आती है ये सबसे बड़ा रीज़न है क्योंकि वहाँ पर उनकी भी कॉस्ट डबल हो जाती है जस्ट और आपका भी खर्चा डबल हो जाता है तो मैं सोचने लगा की एसएमएस ट्यूशन क्या हो सकता है कि जहाँ पर हमे भी पैथोलॉजी तक जाना पड़े और पैथोलॉजी भी हम तक ना आ सके लेकिन टेस्ट हो जाए हमारा वहाँ पर ये ही काम करता है आइए जानते हैं कैसे अभी सी बात पे हमारी रिसर्च चालू हुई कि इंटरनेट के ऊपर ऐसी कोई चीज़ एग्जिस्ट करती है जो इस प्रॉब्लम का सलूशन दे सके और हम पहुंचे एक वेबसाइट के ऊपर जो कि एक इंडियन स्टार्टअप है और हमें जानकर बहुत खुशी हुई और वो फ्यूचर है माइक्रोस्कोपी का, जिसका नाम है सिक्स टू पल जहाँ पर ये पैथोलॉजिस्ट की लाइफ को बहुत आसान कर देते हैं यहाँ तक की कस्टमर की लाइफ को भी बड़ा आसान कर देते हैं इनके पास एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका नाम है एंड इवन स्मार्ट रोबोटिक माइक्रोस्कोप जहाँ पर आपको ब्लड एनलाइजर और यूरिनल आइजर मिलते हैं जिसका इस्तेमाल करके घर पे चेक आउट कर देंगे और उनका एआइ सिस्टम जो बॉक्स के अंदर होगा, वो उनकी निरस्त पैथोलॉजी को सैंपल भेज देगा और बता देगा की रिपोर्ट में आकर है क्या और रिपोर्ट आपके पास डेलिवर कर दी जाएगी? लेकिन एक बात है दोस्तों, जो आपको समझनी बहुत जरूरी है ये बहुत कॉस्ट्ली होगा और इसे आप कस्टमर और जनरल पब्लिक के लिए नहीं बना सकते.
इसको आप पैथोलॉजिस्ट के लिए डिजाइन कर सकते हैं जो भी पैथोलॉजी अपना काम आसान करना चाहती है उसके लिए क्योंकि फिर आप को डाइवर्सिफाइ और एक्सपैंड करने की जरूरत पड़ जाएगी कि हर सिटी में आपका एक सेंटर होना चाहिए, उस सेंटर में आपके इस इन्स्ट्रुमेंट की रिपोर्ट जाएगी तो वही हमें एक आइडिया आया कि अगर येई सिस्टम ऐसे काम कर सकता है तो आपकी जो नियरेस्ट पैथोलॉजी होगी उसके पास ही रिपोर्ट पहुँच जाये करे आपके गूगल एआई सिस्टम के इंटिग्रेशन के बाद क्योंकि गूगल जानता है कि कौन से मैप में कहा पैथोलॉजी है और इवन अगर हेल्थ साइंस और तरक्की करेगा तो आपकी जो शुगर मशीन से होगी आप उसमें ए ट्रैकर लगा सकते हैं जब आप ब्लड सैंपल लेंगे तो वो डाइरेक्टली पैथोलॉजिस्ट के पास ट्रांसफर कर दिया जाएगा आपके
चुनिंदा पैथोलॉजिस्ट पे ये मैंने आपको एक दूसरा आइडिया बताया और एक तीसरा आइडिया भी उसके ऊपर ये बन सकता है कि जो मैंने आपको बताया अभी उसमें आप रिपोर्ट भी जोड़ दें यानी कि प्रिंटर रिपोर्ट क्या आप घर पे भी प्रिंट कर सकते हैं? तो ये बहुत ज्यादा कोस्टली हो जाएगा और इसको फैलाना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि ये कोस्टली भी बहुत पड़ेगा आसान जनरल पब्लिक को तो ये जो पहले के दो आइडियाज़ हैं वो वर्कआउट कर सकते हैं भरते हैं अपने आइडिया नंबर एक की तरह और मज़े की बात पता है क्या है? इसी आइडिया से मैंने ये पूरी वीडियो भी बनाई है और शायद आप जीतने भी वीडियो से चैनल पे देखती है उसमें से फॉर्टी फाइव परसेंट का कॉन्ट्रिब्यूशन सी, आई का रहता है आपको जानके शौक लगा लेकिन ये बिल्कुल सच है लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है इवन जो पहले दस सेकंड में मैंने ये लाइन बोली है ना वो भी एक एएआई ने बनाई है और इस आइडिया का नाम हम कहते हैं ई कंटेंट क्रिएशन जो कि फ्रीलैनसर यू ट्यूब पर कंटेंट राइटर्स न्यूज़ एजेंसी ब्लॉग और मार्केटिंग फोर्स यूज़ करते है इवन एप्पल फोर्स ब्लूमबर्ग जैसी बड़े बड़े कंपनीज भी एएआई की इस टेक्नोलॉजी को बहुत यूज़ करते है.
क्योंकि यहाँ पर आपको सिर्फ दस या पच्चीस सेकंड के अंदर एक ओरिजनल कंटेंट देखने को मिलता है जी हाँ वो सबसे अलग होगा सबसे हटकर होगा और वो ओरिजिनल होगा यानी की कोई भी कॉपी नहीं करेगा और ये काम कैसे करता है ये पूरे गूगल बैंक जीतने भी न्यूस आज तक गूगल पर डाली है जितना भी डेटा गूगल पे है वो पूरा पच्चीस से तीस सेकंड के अंदर आइडेंटिफाइ करके आपके सामने पूरा एक ब्लॉग लिख देता है आप जो भी लैंग्वेज में चाहें आप चाहे इंफॉर्मेटिव असर टीम या थोड़ा गुस्से में या इमोशनल कुछ भी ऐसा ही कर सकता है कंटेंट क्रिएशन के अंदर और इसलिए ये टेक्नोलॉजी अगर आप खरीदने जाएंगे तो बहुत महंगी पड़ेगी लेकिन कुछ अल्टरनेटिव बता देता हूँ जैसे की जा सपरे आई राइटर शॉर्टली ई सबसे ज्यादा यूज़ किए जाने वाले कंटेंट राइटर्स में से एक है मैं राइडर का इस्तेमाल करता हूँ क्योंकि कभी कभी मुझे जरूरत पड़ जाती है जब मुझे डेटा की जरूरत पड़ती है और इनफॉर्मेटिव आर्टिकल्स की जरूरत पड़ती है लेकिन एक बात हमेशा खटकती है कि ऐसी टेक्नोलॉजी जो है इंडिया में कोई डेवलप इतनी तेजी से नहीं कर रहा है और ज्यादातर जो मैं कंटेंट ए ई कंटेंट राइटर्स को देखता हूँ वो डॉलर्स मैं आपसे पैसे लेते हैं जो कि अफोर्डेबल नहीं होते अगर आप इंडिया की स्टेट की माने तो और ये बात सारे ई कंटेंट राइटर्स भी जानते हैं कि ये कितना इम्पोर्टेन्ट है एक ई कंटेंट जेनरेट आप के हजारों प्रॉब्लम को सल्यूशन है, आपको आइडिया नहीं आ रहे तो आइडियाज़ मिल जाते हैं आपको कोई एक्सप्लनेशन चाहिए तो वो एक्स्प्लनैशन मिल जाता है ऐसे ही नहीं सारी बड़ी बड़ी कंपनी अपने वेब साइट कंटेंट को भी इन्हीं ई राइडर से बनवाती है ये जी पी थ्री टेक्नोलॉजी के ऊपर काम करते हैं अब ये जी पी थ्री क्या है वो आप यूट्यूब पे सर्च करके देख सकते हैं लेकिन आप क्लियरली ये समझ सकते हैं कि जीतने भी आर्टिकल गूगल पेज रैंक करते हैं उनमें से डेटा थोड़ा बहुत इकट्ठा करके एक ओरिजनल कंटेंट के फॉर्म में ये आपको देता है एग्ज़ैम्पल आइए देखते हैं हम यहाँ पर शॉर्टली इसका इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे फ्री ट्रायल और मैंने यहाँ पर एक आर्टिकल का लिंक डाल दिया और मैंने सेलेक्ट कर लिया कि कौन सी लैंग्वेज में मुझे चाहिए या कौन से इमोशन के साथ मुझे चाहिए और ये लीजिये काम हो गया ऐसे ही आप राइडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.